एफएटीएफ की कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान की छवि सुधारने की हो रही कोशिश
लंदन में दुनिया भर के शिक्षाविदों और दक्षिण एशिया के विशेषज्ञों के एक पैनल ने 'रीइमेजिंग पाकिस्तान : ए ग्लोबल पर्सपेक्टिव' पर चर्चा करते हुए कहा है कि जिहाद और आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान की छवि सुधारने की कोशिश की जा रही है और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तानी प्रवासियों को दी गई है।
उन्होंने कहा कि एफएटीएफ की कार्रवाई से बचने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं और पाकिस्तान को इसके लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के पास क्षेत्र में अपनी छवि सुधारने का अच्छा मौका है । इस मद्देनजर करतारपुर कॉरिडोर एक अच्छी शुरुआत है ।
लिबर्टी साउथ एशिया से सेठ ओल्डमिक्सन ने कहा कि पाकिस्तान को जिहादी विचारधारा से हटकर सोचना होगा और कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि अच्छी बन सके।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस जिहादी विचारधारा से भस्म हो गया है जो कि भविष्य के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रवासियों को पाकिस्तान की जमीनी हकीकत पता नहीं है और इसलिए वे पाकिस्तान की छवि सुधारने की कोशिश में लगे हैं।
अगर पाकिस्तान ने इस समय सही कदम नहीं उठाए तो भविष्य में यह सहयोगी देशों से भी अलग-थलग हो जाएगा और दूसरे देशों से आर्थिक मदद मिलनी भी बंद हो सकती है।
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर क्रिस्टीन फेयर ने कहा कि लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग ने इस चर्चा के आयोजन स्थल को रद्द करवाने का प्रयास भी किया था लेकिन वे उसमें सफल नहीं हो सके।
दिल्ली में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के एसोसिएट फेलो खालिद शाह ने "पाकिस्तान के कश्मीर में जिहाद" के इतिहास के बारे में बताया इसके बाद उन्होंने वर्तमान "साइबर जिहाद" का वर्णन किया, जिसका उद्देश्य कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और जिहाद के विचार का महिमामंडन करना था।
आल्ट न्यूज मीडिया के लेखक डेविड वेंस ने कहा कि पाकिस्तान एक शार्क की तरह है जो अपने पड़ोसियों के लिए एक संभावित खतरा है। उन्होंने कहा कि यूके द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता बंद कर देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एफएटीएफ की कार्रवाई से बचने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं और पाकिस्तान को इसके लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के पास क्षेत्र में अपनी छवि सुधारने का अच्छा मौका है । इस मद्देनजर करतारपुर कॉरिडोर एक अच्छी शुरुआत है ।
लिबर्टी साउथ एशिया से सेठ ओल्डमिक्सन ने कहा कि पाकिस्तान को जिहादी विचारधारा से हटकर सोचना होगा और कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि अच्छी बन सके।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस जिहादी विचारधारा से भस्म हो गया है जो कि भविष्य के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रवासियों को पाकिस्तान की जमीनी हकीकत पता नहीं है और इसलिए वे पाकिस्तान की छवि सुधारने की कोशिश में लगे हैं।
अगर पाकिस्तान ने इस समय सही कदम नहीं उठाए तो भविष्य में यह सहयोगी देशों से भी अलग-थलग हो जाएगा और दूसरे देशों से आर्थिक मदद मिलनी भी बंद हो सकती है।
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर क्रिस्टीन फेयर ने कहा कि लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग ने इस चर्चा के आयोजन स्थल को रद्द करवाने का प्रयास भी किया था लेकिन वे उसमें सफल नहीं हो सके।
दिल्ली में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के एसोसिएट फेलो खालिद शाह ने "पाकिस्तान के कश्मीर में जिहाद" के इतिहास के बारे में बताया इसके बाद उन्होंने वर्तमान "साइबर जिहाद" का वर्णन किया, जिसका उद्देश्य कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और जिहाद के विचार का महिमामंडन करना था।
आल्ट न्यूज मीडिया के लेखक डेविड वेंस ने कहा कि पाकिस्तान एक शार्क की तरह है जो अपने पड़ोसियों के लिए एक संभावित खतरा है। उन्होंने कहा कि यूके द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता बंद कर देनी चाहिए।
बता दें कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला लिया है।