रामदेव दिखा देते दिलचस्पी तो हो जाता जम्मू-कश्मीर का कायकल्प, पतंजलि को करना था 1007 करोड़ निवेश
योग गुरू बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि के जम्मू कश्मीर में 1007 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव खारिज होने की वजह पतंजलि की ओर से ही दिलचस्पी न दिखाना है।
उद्योग विभाग की निदेशक अनु के अनुसार पतंजलि ने ही सांबा में 1007 करोड़ के निवेश में दिलचस्पी नहीं दिखाई और इसी वजह से प्रस्ताव खारिज हुआ है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव के तहत पतंजलि के उत्पादों की सांबा जिले में फैक्टरी लगाने का प्रस्ताव था।
भाजपा-पीडीपी की सरकार में तत्कालीन उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी भी दी थी। इसके लिए बाड़ी ब्राह्मणा के करीब मीन चाढ़का में करीब 1300 कनाल जमीन मुहैया करवाई जानी थी। बाबा रामदेव की कंपनी को उद्योग नीति के तहत सात लाख रुपये प्रति कनाल के हिसाब से जमीन की कीमत चुकानी थी।
इसके अलावा जम्मू कश्मीर उद्योग नीति के तहत किराया निर्धारित होना था जिसमें हर दो साल बाद दस फीसद की वृद्धि का प्रावधान भी था।
जानकारों के अनुसार प्रस्ताव खारिज होने का एक बड़ा कारण यह भी रहा कि बाबा रामदेव की कंपनी ने शर्त रखी थी कि जमीन की कीमत का भुगतान दस वर्षों में करेगी। इसके अलावा किराया माफी करने की भी शर्त थी जिस कारण यह प्रस्ताव खारिज किया गया।